Animal Care: जनवरी के अंत सप्ताह में ठंड का कहर पूरे उत्तर भारत और पहाड़ी इलाकों में साफ देखा जा सकता है। यह मौसम न केवल इंसानों के लिए, बल्कि पशुओं के लिए भी कई समस्याएं लेकर आता है। खासकर दुधारू पशुओं और छोटे जानवरों के लिए ठंड का मौसम जानलेवा हो सकता है। इस समय मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण पशुओं की सेहत पर खास ध्यान देना जरूरी हो जाता है। यदि इस दौरान पशुओं की सही देखभाल नहीं की गई, तो ठंड और इससे जुड़ी बीमारियों के चलते उनकी सेहत पर गहरा असर पड़ सकता है।
पशुपालकों के लिए यह मौसम चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि ठंड के दिनों में जानवरों को सुरक्षित रखना आसान काम नहीं है। जानवर ठंड को इंसानों की तरह सहन नहीं कर सकते, इसलिए उनके लिए एक आरामदायक और गर्म माहौल बनाना आवश्यक है। पशुपालकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पशुओं को पर्याप्त गर्मी और पोषण मिले। आइए जानते हैं कि ठंड के मौसम में पशुओं को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए क्या-क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं और किन बीमारियों से बचाव बेहद जरूरी है।
पशुओं को ठंड से बचाने के उपाय–Animal Care
ठंड से पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए सबसे पहले उन्हें एक सुरक्षित और गर्म स्थान पर रखें। जहां तक संभव हो, पशुओं को खुले मैदान में रखने से बचें। उनके लिए बंद स्थान जैसे शेड या बाड़ा बनवाएं, लेकिन ध्यान दें कि उस स्थान पर पर्याप्त वेंटिलेशन यानी हवा का संचार हो। अगर हवा का प्रवाह नहीं होगा, तो पशुओं में सांस संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।Pashupalan
पशुओं को ठंड से बचाने के लिए उनके बांधने के स्थान पर पुआल या सूखा भूसा बिछा दें। यह न केवल उन्हें ठंडे फर्श से बचाएगा, बल्कि आरामदायक भी रहेगा। इसके अलावा, पशुओं को ताजा पानी दें। ठंड के मौसम में गंदे या ठंडे पानी से उन्हें प्यास बुझाने की आदत डालना उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। ठंड के दिनों में धूप का विशेष महत्व है। पशुओं को रोजाना धूप में बैठाने का समय निर्धारित करें। धूप में नहाने से उनकी त्वचा में गर्माहट आएगी और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होगी।
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खान-पान का रखें खास ध्यान
ठंड के मौसम में पशुओं के खान-पान का खास ध्यान रखना चाहिए। उनके आहार में ऊर्जा और पोषण से भरपूर चीजें शामिल करें। पशुओं को सूखा और हरा चारा दो-से-एक के अनुपात में दें। सूखा चारा शरीर में गर्मी बनाए रखने में मदद करता है, जबकि हरा चारा उनके पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है। दुधारू पशुओं में दूध की मात्रा बनाए रखने के लिए उन्हें प्रतिदिन 250 ग्राम गुड़ खिलाएं। गुड़ न केवल ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि शरीर को गर्म भी रखता है।Pashupalan
साथ ही, पशुओं को सेंधा नमक खिलाना भी एक अच्छा उपाय है। यह उनकी प्यास बढ़ाने में मदद करता है और शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता। पशुओं को पोषण से भरपूर चारे के अलावा विटामिन और खनिज सप्लीमेंट भी दें। यह उनके स्वास्थ्य को बनाए रखने और बीमारियों से लड़ने की ताकत देने में मददगार होते हैं।Pashupalan
खुरपका-मुंहपका रोग का खतरा
ठंड के मौसम में खुरपका-मुंहपका रोग पशुओं के लिए सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है। यह एक संक्रामक बीमारी है जो बैक्टीरिया के कारण फैलती है। इस बीमारी में पशुओं के मुंह और खुर में घाव हो जाते हैं, जिससे उन्हें खाने-पीने में दिक्कत होती है। यदि इस बीमारी का समय पर इलाज नहीं किया गया, तो पशु चलने-फिरने में असमर्थ हो जाते हैं।Pashupalan
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खुरपका-मुंहपका रोग से बचाव के लिए पशुपालकों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। संक्रमित पशुओं को अन्य स्वस्थ पशुओं से अलग रखना चाहिए ताकि यह बीमारी न फैले। साथ ही, पशुशाला की नियमित सफाई और कीटाणुनाशक छिड़काव करना आवश्यक है।Pashupalan
साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें
पशुशाला की साफ-सफाई ठंड के मौसम में बेहद जरूरी है। गंदगी और नमी बैक्टीरिया और वायरस के पनपने का प्रमुख कारण बनते हैं। सप्ताह में कम से कम एक बार चूना और राख मिलाकर पशुशाला के फर्श पर छिड़काव करें। इससे नमी कम होगी और रोगाणुओं का खतरा भी कम होगा।Pashupalan
पशुओं की साफ-सफाई का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है। नियमित रूप से पशुओं को साफ पानी से धोएं और उनके शरीर पर जमी गंदगी को हटाएं। ठंडे मौसम में गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें ताकि उन्हें सर्दी न लगे। साफ-सुथरे पशु न केवल स्वस्थ रहते हैं, बल्कि उनका दूध उत्पादन भी बेहतर होता है।Pashupalan
नवजात और कमजोर पशुओं का विशेष ध्यान
ठंड का असर नवजात और कमजोर पशुओं पर सबसे अधिक होता है। उनके शरीर में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, जिससे वे जल्दी बीमार हो सकते हैं। नवजात पशुओं को ठंड से बचाने के लिए उनके लिए एक अलग और गर्म स्थान बनाएं। उन्हें गुनगुने पानी से साफ करें और उनके शरीर को गर्म कपड़े या मोटी चादर से ढकें।
कमजोर पशुओं को अतिरिक्त पोषण देने की जरूरत होती है। उनके आहार में अधिक प्रोटीन और ऊर्जा देने वाले तत्व शामिल करें। यदि किसी पशु में बीमारी के लक्षण दिखें, तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें।
निष्कर्ष
ठंड के मौसम में पशुओं की देखभाल करना किसी चुनौती से कम नहीं है। यह जरूरी है कि पशुपालक उन्हें पर्याप्त गर्माहट, पोषण और सुरक्षा प्रदान करें। पशुशाला की साफ-सफाई और नियमित चेकअप से बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है। पशुपालकों का यह दायित्व है कि वे अपने पशुओं को ठंड के कहर से बचाने के लिए हर संभव प्रयास करें।
नमस्ते, मैं हरभजन सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं । मुझे पशुपालन के विषय में विशेषज्ञता प्राप्त है। मैं आपको पशुपालन से जुड़ी ताजा खबरें बताऊंगा । मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको ‘काम की खबर’ दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में कुछ बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://pashutalks.in/ के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद
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