Pashupalan News-पशुपालन और डेयरी में डिग्री का नया मौका, अब यहां से करें शुरुआत

Pashupalan News:-पशुपालन और डेयरी उद्योग में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। उज्जैन स्थित विक्रम विश्वविद्यालय ने अपने पाठ्यक्रम में पशुपालन और डेयरी टेक्नोलॉजी की डिग्री शामिल कर ली है। 5 जनवरी रविवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विक्रम विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागृह में आयोजित संगोष्ठी में इस कोर्स की शुरुआत की घोषणा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम युवाओं के करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने और डेयरी क्षेत्र को और सशक्त बनाने में मदद करेगा।

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत नई पहल

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि यह कोर्स राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत तैयार किया गया है। इस नीति का उद्देश्य व्यावहारिक और तकनीकी शिक्षा के माध्यम से युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करना है। जबलपुर के बाद अब उज्जैन में भी पशुपालन का यह डिग्री कोर्स शुरू किया गया है, जो भविष्य में अन्य विश्वविद्यालयों में भी लागू किया जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जैन में डेयरी टेक्नोलॉजी का यह नया कोर्स इस क्षेत्र में न केवल ज्ञान प्रदान करेगा बल्कि रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगा।

डेयरी क्षेत्र में उज्जैन की भूमिका-Pashupalan News

मध्य प्रदेश में डेयरी उद्योग को सशक्त करने के लिए उज्जैन का यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। राज्य में पहले से ही दुग्ध उत्पादन का राष्ट्रीय औसत से अधिक प्रदर्शन है। जहां भारत में औसत दूध उत्पादन 471 ग्राम है, वहीं मध्य प्रदेश में यह 673 ग्राम प्रति व्यक्ति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को डेयरी क्षेत्र में नंबर 1 बनाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

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दूध उत्पादन में बोनस और अन्य सुविधाएं

प्रदेश सरकार ने दूध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए पशुपालकों को बोनस देने की योजना बनाई है। दूध के प्रति लीटर क्रय मूल्य के आधार पर बोनस की यह योजना किसानों और पशुपालकों के लिए एक बड़ी राहत होगी। इसके साथ ही, पशुधन को बेहतर चारा उपलब्ध कराने के लिए सिंचाई के क्षेत्र को बढ़ाने और अन्य कदम उठाने पर भी जोर दिया जा रहा है।

पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में शिक्षा का विस्तार

पशुपालन और डेयरी उद्योग में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। उज्जैन स्थित विक्रम विश्वविद्यालय ने अपने पाठ्यक्रम में पशुपालन और डेयरी टेक्नोलॉजी की डिग्री शामिल कर ली है। 5 जनवरी रविवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विक्रम विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागृह में आयोजित संगोष्ठी में इस कोर्स की शुरुआत की घोषणा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम युवाओं के करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने और डेयरी क्षेत्र को और सशक्त बनाने में मदद करेगा। Pashupalan News

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत नई पहल

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि यह कोर्स राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत तैयार किया गया है। इस नीति का उद्देश्य व्यावहारिक और तकनीकी शिक्षा के माध्यम से युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करना है। जबलपुर के बाद अब उज्जैन में भी पशुपालन का यह डिग्री कोर्स शुरू किया गया है, जो भविष्य में अन्य विश्वविद्यालयों में भी लागू किया जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जैन में डेयरी टेक्नोलॉजी का यह नया कोर्स इस क्षेत्र में न केवल ज्ञान प्रदान करेगा बल्कि रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगा।Pashupalan News

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डेयरी क्षेत्र में उज्जैन की भूमिका

मध्य प्रदेश में डेयरी उद्योग को सशक्त करने के लिए उज्जैन का यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। राज्य में पहले से ही दुग्ध उत्पादन का राष्ट्रीय औसत से अधिक प्रदर्शन है। जहां भारत में औसत दूध उत्पादन 471 ग्राम है, वहीं मध्य प्रदेश में यह 673 ग्राम प्रति व्यक्ति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को डेयरी क्षेत्र में नंबर 1 बनाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

दूध उत्पादन में बोनस और अन्य सुविधाएं

प्रदेश सरकार ने दूध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए पशुपालकों को बोनस देने की योजना बनाई है। दूध के प्रति लीटर क्रय मूल्य के आधार पर बोनस की यह योजना किसानों और पशुपालकों के लिए एक बड़ी राहत होगी। इसके साथ ही, पशुधन को बेहतर चारा उपलब्ध कराने के लिए सिंचाई के क्षेत्र को बढ़ाने और अन्य कदम उठाने पर भी जोर दिया जा रहा है।

डेयरी टेक्नोलॉजी का महत्व

डेयरी टेक्नोलॉजी का कोर्स युवाओं को न केवल पशुपालन के व्यावहारिक ज्ञान से परिचित कराएगा, बल्कि उन्हें उद्योग की आधुनिक तकनीकों से भी अवगत कराएगा। इसके माध्यम से युवा बेहतर कौशल प्राप्त कर सकेंगे, जो दूध उत्पादन और प्रसंस्करण में राज्य को नए आयाम देगा।Pashupalan News

मध्य प्रदेश की डेयरी क्षमता

मध्य प्रदेश, अपनी भौगोलिक स्थिति और उपजाऊ भूमि के कारण, डेयरी उद्योग में शीर्ष स्थान हासिल करने की क्षमता रखता है। मुख्यमंत्री का कहना है कि यदि राज्य सही दिशा में ठोस प्रयास करे, तो भारत में डेयरी कैपिटल बनने का सपना जल्द ही साकार हो सकता है।Pashupalan News

इस पहल का उद्देश्य न केवल राज्य को डेयरी उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि युवाओं को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के अवसर प्रदान करना भी है। सरकार की योजना है कि इस कोर्स के माध्यम से अधिक से अधिक युवा डेयरी उद्यमिता में कदम रखें और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करें।Pashupalan News

डेयरी उद्योग, जो पहले केवल ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित था, अब शहरी युवाओं के लिए भी रोजगार का एक बड़ा स्रोत बन रहा है। डेयरी टेक्नोलॉजी का यह नया कोर्स युवाओं को इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए प्रेरित करेगा और उन्हें व्यावसायिक रूप से सक्षम बनाएगा।Pashupalan News

Disclaimer

यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। , कृपया आधिकारिक स्रोतों से जानकारी की पुष्टि कर लें। योजनाओं और नीतियों में समय-समय पर बदलाव हो सकता है, इसलिए नवीनतम जानकारी के लिए सरकारी वेबसाइटों या अधिकृत कार्यालयों से सम्पर्क करे।

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